सिंघाड़े खाने से बीमारियों में होने वाले लाभ  - Desi Nuskhe

सिंघाड़े का फल तिकोना होता है। सिंघाड़े को वाटर चेस्टनट का नाम से भी जाना जाता है। सिंघाड़ा ठण्ड के मौसम में आसानी से मिल जाता है। यह फल हरे और काले रंग में बाजार में पाया जाता है। अधिकतर लोग इस फल को कच्चा खाना , इसका छिलक उतार कर इसके अंदर जो गुदा होता है उसे खाना पसंद करते हैं। कई लोग इसे उबाल कर और इसके बीज का पाउडर बना कर इसे कई तरह की बीमारियों में उपयोग में लाते हैं। इस फल में विटामिन सी, विटामिन ए, आयरन, जिंक, कैल्शियम, मैग्निसियम, सोडियम, पोटासियम और आयोडीन पाया जाता है, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत अधिक फायदेमंद होते हैं।

सिंघाड़े खाने से बीमारियों में होने वाले लाभ  - Desi Nuskhe

सिंघाड़े खाने से बीमारियों में होने वाले लाभ  

सिंघाड़े का फल तिकोना होता है। सिंघाड़े को वाटर चेस्टनट का नाम से भी जाना जाता है। सिंघाड़ा ठण्ड के मौसम में आसानी से मिल जाता है।  यह फल हरे और काले रंग में बाजार में पाया जाता है। अधिकतर लोग इस फल को कच्चा खाना , इसका छिलक उतार कर इसके अंदर जो गुदा होता है उसे खाना पसंद करते हैं। कई लोग इसे उबाल कर और इसके बीज का पाउडर बना कर इसे कई तरह की बीमारियों में उपयोग में लाते हैं। इस फल में विटामिन सी, विटामिन ए, आयरन, जिंक, कैल्शियम, मैग्निसियम, सोडियम, पोटासियम और आयोडीन पाया जाता है, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत अधिक फायदेमंद होते हैं। आइये सिंघाड़े से होने वाले लाभ के बारे में विस्तार से जानते हैं :

1. गर्भवती औरतों के लिए लाभप्रद :

जो औरतें गर्भवती है और प्रोटीन का पाउडर दूध में घोलकर  लेती है और कैल्शियम, विटामिन सी, फोलिक एसिड, आयरन को दवाईआं लेती है वे इन्हे लेना छोड़ दे और इसके स्थान पर वे सिंघाड़े का पाउडर पीस कर तैयार कर लें और और 1  से 2  चम्मच सुबह और शाम को दूध के साथ लेना है। स्वाद के अनुसार आप इसमें शहद या देसी खांड मिला सकते हैं। इससे आप हृष्ट पुष्ट रहेंगे और आपका बच्चा भी निरोग पैदा होगा।

2. शरीर में ऊर्जा बनाने में लाभदायक :

सिंघाड़े का फल ऊर्जा प्रदान करने में बहुत लाभकारी होता है। आपने देखा होगा की व्रत में सिंघाड़े का आटा और सिंघाड़े का फल उपयोग में लाया जाता है। सिंघाड़े के फल में विटामिन्स पाए जाते है और ऊर्जा पायी जाती है।  जो ऊर्जा हमारी बॉडी में खत्म हो जाती है इससे दोबारा बॉडी में ऊर्जा आ जाती है। और व्यक्ति को ऊर्जावान बना देता है।

3. दमा रोग में उपयोगी :

जिन लोगों को दमे की शिकायत है या मौसम बदलने पर खांसी तंग करती है और साँस फूलने की दिक्कत पैदा होती है। और जुकाम और खांसी तंग करती है।  वे लोग सूखे सिंघाड़े पीस कर के पाउडर तैयार कर लें। और 1 चम्मच सुबह और शाम को गर्म दूध के साथ ले सकते हैं। इसके अलावा आप 50 ग्राम सूखे सिंघाड़े में 50 ग्राम हल्दी की साबुत गांठ, 50 ग्राम मघपीपल और 50 ग्राम पोस्ता दाना लेना है ।  और सभी को पीस कर के मिक्स कर लें और और 1 चम्मच सुबह शाम गर्म दूध के साथ इस्तेमाल करने से दमे की बीमारी जड़ से दूर हो जाएगी।

4. एनीमिया रोग में लाभदायक :

जिन लोगों को एनीमिया की शिकायत है। इस रोग में बॉडी में खून की कमी हो जाती है और चेहरा पीला और सफेद पड़ जाता है। और बॉडी में थकावट और कमजोरी महसूस होती है। इस रोग में कच्चे सिंघाड़े फायदेमंद हैं, सुबह और दोपहर को खाना खाने से पहले  30 ग्राम खाना है। इससे आपका फोलिक एसिड और आयरन में वृद्धि हो जाएगी और आपका रक्त अपने आप बढ़ जायेगा। जिससे आपकी बॉडी में एनीमिया की शिकायत दूर हो जाएगी।

5. बवासीर रोग में लेना लाभकारी :

जिन लोगों को बवासीर की शिकायत है। खुनी बवासीर है या बादी बवासीर है उन लोगों को सुबह खाली पेट 60 ग्राम कच्चे सिंघाड़े इस्तेमाल करे और खाने के आधे घण्टे तक कुछ सेवन नहीं करना है। इससे अंतड़ियों को अंदर से ठंडक मिलती है। और प्रोटीन और फाइबर प्रदान करता है। इससे अंतड़ियों को साफ़ रखता है। कब्ज नहीं रहती है और अंदर से गर्मी को खत्म करता है। इससे आपकी बवासीर की बीमारी जड़ से ख़त्म हो जाती है। 

6. गले में संक्रमण में लाभप्रद :

जिन लोगों को गला बैठ जाता है और गले में इन्फेक्शन रहता है। इसके लिए आप 100 ग्राम सूखे सिंघाड़े और 50 ग्राम हल्दी की गांठ और 10  ग्राम सफेद मिर्च लेनी है। इन सब के अलग लग पाउडर बना लें और फिर अच्छे से मिक्स कर लें।  और फिर 1 चम्मच मिश्रण को कड़ाई में थोड़ा सा घी डाल  कर अच्छे से भून लें। और इसे गर्म दूध के साथ रात में लेने से गले में संक्रमण की शिकायत और गले में टॉन्सिल और एलेर्जी की शिकायत में फायदा मिलता है क्योंकि इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-बक्ट्रियल गुण पाए जाते हैं।

7. मासिक धर्म में लाभप्रद :

जिन औरतों को मासिक धर्म के समय  मासिक धर्म ज्यादा मात्रा में आता है। या मासिक धर्म के समय दर्द अधिक मात्रा में होता है। यह बच्चेदानी में सूजन के कारण होता है। उन्हें सुबह खाली  पेट और दोपहर को खाना खाने से पहले उनके लिए कच्चे सिंघाड़े खाना फायदेमंद होता है।